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Earthquake News: Nepal से Bharatpur तक महसूस हुए भूकंप के झटके, और कौनसी जगह पर आया भूकंप जानिए

मंगलवार दोपहर 3 अक्टूबर के दिन नेपाल में भूकंप आया जिसके प्रभाव राजस्थान के भरतपुर जिले तक देखने को मिला । Delhi NCR में भूकंप के झटके (earthquake in delhi) महसूस किए गए साथ ही इन झटको का प्रभाव उसके आसपास भी देखा गया। राजस्थान के भरतपुर जिले में भी इन झटको को महसूस किया गया(Earthquake in bharatpur)।

भूकंप की खबर ( Earthquake news today)

भूकंप, प्राकृतिक आपदा का एक अद्वितीय रूप है जो बिना किसी सद्गुण या सूचना के आ सकता है और मानव जीवन को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में, दिल्ली NCR और भरतपुर के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिन्हें लोगों ने गंभीरता से महसूस किया है।

दिल्ली में भूकंप ( Earthquake News in delhi)

Earthquake News : अलग-अलग जगह पर लोगों ने इन भूकंप के झटकों को महसूस किया है , जब इन झटको को महसूस किया गया था उससे पहले कुत्तों ने अजीब सी हरकतें की। दिल्ली में लोग घरों से बाहर निकल आए , किसी ने घर की चीजों को हिलते हुए देखा तो किसी ने लेटे हुए इन झटको को महसूस किया ।

भरतपुर में भूकंप के झटके (Earthquake in Bharatpur)

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Earthquake News Bharatpur Rajasthan: भरतपुर जिले और उसके आसपास के गांव में भी इन झटकों को महसूस किया गया। लोगो का मानना है की कुल 3 झटके आए थे , घरों में बर्तन इधर से उधर गिर गए। घरों के पास में लगे बिजली के खंबे हिलने लगे। पानी से भरे हुए बर्तनों में पानी हिलने लगा और लोग घरों से बाहर निकल आए।

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Earthquake News : यह earthquake ke झटके दिल्ली के आसपास के सभी क्षेत्रों Jaipur,Alwar , Chandigarh, Uttarpradesh आदि में महसूस किए गए है ।

भूकंप का केंद्र ( Centre of Earthquake)

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी (National Center for Seismology ) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। जिसका केंद्र Nepal के Diyapal से 38 KM दूर जमीन के अंदर 5KM की गहराई में था। अचानक आए झटकों से दहशत मच गई। लोग अपने ऑफिस और घरों से निकल कर बाहर आ गए। हालांकि इस भूकंप से ज्यादा जान-माल के नुकसान की कोई खबर प्राप्त नहीं हुई है।

National Center for Seismology ने कहा है कि नेपाल में रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई। जिससे मंगलवार दोपहर 2:50PM बजे तेज झटके महसूस किए गए। एनसीएस ने कहा, भूकंप का केंद्र (centre of earthquake) नेपाल में था और इसकी गहराई पांच किलोमीटर थी।

एनसीएस ने एक पोस्ट में कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.2, 03-अक्टूबर 2023, 14-51-04, अक्षांश: 29.39 और देशांतर : 81.23, गहराई: 5 किमी, स्थान: नेपाल

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भूकंप से सुरक्षा के उपाय ( Earthquake safety measures) : Earthquake News

  1. सुरक्षित स्थान का चयन: भूकंप के समय एक सुरक्षित स्थान पर जाना महत्वपूर्ण है। इमारतों के अंदर जाने की जगह, टेबल के नीचे बैठने की अद्वितीय जगह, या दरवाजे के क़रीब खड़े होने से सुरक्षा बढ़ सकती है।
  2. सुरक्षित स्थिति की जाँच: जब भूकंप के संकेत मिलें, तो तुरंत अपने चारों ओर की स्थिति की जाँच करें। चट्टानों, पौधों, या ऊँची इमारतों से दूर जाएं, क्योंकि ये सुरक्षित स्थान हो सकते हैं।
  3. अपातकालीन प्रसारण बैग: एक अपातकालीन प्रसारण बैग तैयार करें, जिसमें बासिक आपदा सामग्री शामिल हो, जैसे कि पानी, आहार, पहनावा, बैटरी प्रक्षेपण किट, और पहरेदारी जानकारी।
  4. बिजली और गैस की बंदूक: बिजली और गैस की सप्लाई को तुरंत बंद करें, ताकि आग के जोखिम को कम किया जा सके।
  5. स्थिरीकरण और सुरक्षा की जाँच: इमारत की मजबूती और सुरक्षा की जाँच करें। यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि भूकंप के दौरान नुकसान कम हो।
  6. अपातकालीन संकेतों का पालन: भूकंप संकेतों का पालन करें और उनके अनुसार क्रियाओं को अपनाएं। यह सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
  7. प्रशासनिक और मानव सुरक्षा योजना: स्थानीय प्रशासनिक और मानव सुरक्षा योजनाओं का पालन करें और उनके दिशानिर्देशों का अनुसरण करें।
  8. सुरक्षा प्रशिक्षण: बचाव और प्राथमिक सुरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त करें, ताकि आप भूकंप के समय ठिक तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें।
  9. अपातकालीन संगठन: स्थानीय संगठनों और सरकारी अधिकारियों की सुने और उनकी दिशानिर्देशों का पालन करें।

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क्यों आते है भूकंप ? ( Why do earthquakes occur? )

भूकंप क्यों आते हैं, इसका कारण यह है कि पृथ्वी की भूमिगत तापीय गतिता और तापमान की बदलाव की प्रक्रिया के कारण भूकंप होते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए जा रहे हैं:

  1. तकनीकी कारण: भूकंप तकनीकी दृष्टिकोण से पृथ्वी की तंत्रिक गतिता से जुड़े होते हैं। जब प्लेटों में दबाव बढ़ता है और वे अच्छल होते हैं, तो यह गतिता उत्पन्न होती है, जिससे भूकंप के झटके होते हैं।
  2. ज्वालामुखी गतिता: भूकंप का एक और कारण है ज्वालामुखी गतिता, जिसमें उच्च दाब और तापमान के कारण भूमि के नीचे मॉल्टन लावा और गैस निकलते हैं, जिससे भूकंप(earthquake) के झटके आ सकते हैं।
  3. टेक्टोनिक प्लेट में बदलाव: पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स में होने वाले स्थितांतरण और संघटन के कारण भूमि के ताकतवर पर्वतीय द्वीपों के दबाव में बदलाव हो सकता है।

FAQs Related Bhukamp(Earthquake) in Hindi

Bhukamp kaise aata hai?

Bhukamp prakriti ki ek prakriya hai, jisme bhumikampa ke karan bhumi ke niche dabav aur chhanbin ki gati badalti hai. Yeh gati badalne se bhumikampa ke jhatke utpann hote hain. Bhukamp aksar prithvi ke tectonic plates ke spars se hote hain.

Bhukamp ke karan kya hote hain?

Bhukamp ke karan prithvi ke tectonic plates ke spars, bhumi ke niche dabav, ya phir vulkanik gatividhiyan ho sakti hain. Yeh ghatnayein prakriti ki prakriyaon ka natija hoti hain.

Bhukamp se bachav kaise kiya ja sakta hai?

Bhukamp se bachav ke liye, surakshit sthanon par rahna, badi imaratyon ka durupayog karke unka mazboot banana, aur bhukamp alarm aur bachav upayon ka istemal karke jagruk rehna mahatvapurn hai. Bhukamp ke samay bhavanon se bahar nikalna bhi suraksha pradan kar sakta hai.

Bhukamp ke jhatkon ki tivrata ko kaise matena jata hai?

Bhukamp ke jhatkon ki tivrata ko Richter pramana (Magnitude) ke adhar par matena jata hai. Is paimana mein ek sankhya hoti hai, jiska kram 1 se lekar 10 tak hota hai. Jitni badi yeh sankhya, utna adhik bhukamp ki tivrata hoti hai.

Kya bhukamp ke jhatke aksar aate hain?

Bhukamp ke jhatke aksar nahi aate hain, lekin kuch kshetron mein unka adhik samayantar hone ka khatra hota hai. Bhukamp-prone kshetron mein jagrukata aur suraksha upayon ko lagu karna mahatvapurn hai, taki log bhukamp ke jhatkon ke liye tyar rahein aur nuksan se bacha ja sake

निष्कर्ष : Earthquake News

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है , इससे बचने के उपाय करना ही सुरक्षा है। हमें जब झटके महसूस होने लगे तो अपने घरों से बाहर निकल कर किसी खुले मैदान में चले जाना चाहिए।

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